अलीगढ:गुरूवार को केन्द्रीय मानव संसाधन एंव विकास मंत्री स्मृति ईरानी के टीकाराम कन्या महाविद्यालय के स्थापना दिवस में शिरकत करने पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने प्रांत संगठन मंत्री दीपक रिषि के नेतृत्व में एडीएम सिटी को एएमयू से सम्बंधित ज्ञापन सोंपा।
ज्ञापन में माँग की गयी है कि अमुवि में एससी, एसटी व ओबीसी को आरक्षण प्रदान नही किया जा रहा है जो कि संविधान का खुला उल्लंघन है। पूरे देश में यह ऐसा एकमात्र विश्वविद्यालय है जहाँ एससी, एसटी व ओबीसी को आरक्षण प्रदान नही किया जा रहा है जिसके कारण एससी, एसटी व ओबीसी के छात्रों का एएमयू में पढने का सपना अधूरा रह जाता है। एएमयू में एससी,एसटी व ओबीसी को आरक्षण प्रदान किया जाये। एएमयू की प्रवेश प्रक्रिया भी पारदर्शी नही रहती,एएमयू की प्रवेश प्रक्रिया पारदर्शी की जाये। आगरा विश्वविद्यालय की स्थिति बदहाल हो चुकी है। प्रवेश,परीक्षा व परिणाम का कोई निश्चित समय नही है। न तो प्रवेश समय से होता है, और न ही परीक्षा समय से होती है और न ही परिणाम समय से घोषित होते हैं। जिसके कारण तीन वर्षीय पाठयक्रम पांच वर्ष में पूरा होता है और पांच वर्षीय पाठयक्रम सात वर्ष में पूरा होता है। अलीगढ़ के सभी शिक्षण संस्थानों का सम्बन्ध आगरा विश्वविद्यालय से हटाकर एएमयू से किया जाना बहुत ही आवश्यक है,यदि कठनाई आती है तो महानगर में पृथक विश्वविद्यालय का निर्माण कराया जाए। एएमयू में सभी कक्षाओं से ऊर्दू की अनिवार्यता समाप्त की जाये। एएमयू में नियुक्तियों में भेदभाव हो रहा है,एक ही समुदाय की नियुक्तियाँ क्यूँ? इसकी जाँच करायी जाये। ज्ञापन सौंपने वालों में निखिल माहेश्वरी धीरज चैधरी, सुमित भारद्वाज, नानक राजपूत, रवि राजपूत मौजूद रहे।
ज्ञापन में माँग की गयी है कि अमुवि में एससी, एसटी व ओबीसी को आरक्षण प्रदान नही किया जा रहा है जो कि संविधान का खुला उल्लंघन है। पूरे देश में यह ऐसा एकमात्र विश्वविद्यालय है जहाँ एससी, एसटी व ओबीसी को आरक्षण प्रदान नही किया जा रहा है जिसके कारण एससी, एसटी व ओबीसी के छात्रों का एएमयू में पढने का सपना अधूरा रह जाता है। एएमयू में एससी,एसटी व ओबीसी को आरक्षण प्रदान किया जाये। एएमयू की प्रवेश प्रक्रिया भी पारदर्शी नही रहती,एएमयू की प्रवेश प्रक्रिया पारदर्शी की जाये। आगरा विश्वविद्यालय की स्थिति बदहाल हो चुकी है। प्रवेश,परीक्षा व परिणाम का कोई निश्चित समय नही है। न तो प्रवेश समय से होता है, और न ही परीक्षा समय से होती है और न ही परिणाम समय से घोषित होते हैं। जिसके कारण तीन वर्षीय पाठयक्रम पांच वर्ष में पूरा होता है और पांच वर्षीय पाठयक्रम सात वर्ष में पूरा होता है। अलीगढ़ के सभी शिक्षण संस्थानों का सम्बन्ध आगरा विश्वविद्यालय से हटाकर एएमयू से किया जाना बहुत ही आवश्यक है,यदि कठनाई आती है तो महानगर में पृथक विश्वविद्यालय का निर्माण कराया जाए। एएमयू में सभी कक्षाओं से ऊर्दू की अनिवार्यता समाप्त की जाये। एएमयू में नियुक्तियों में भेदभाव हो रहा है,एक ही समुदाय की नियुक्तियाँ क्यूँ? इसकी जाँच करायी जाये। ज्ञापन सौंपने वालों में निखिल माहेश्वरी धीरज चैधरी, सुमित भारद्वाज, नानक राजपूत, रवि राजपूत मौजूद रहे।
No comments:
Post a Comment