Friday 20 July 2018

नीरज जी निधन...हिन्दुस्तानी साहित्य तथा भारत की गंगा जमुनी सांस्कृतिक धरोहर के लिये एक बड़ी क्षति-अमुवि कुलपति

अलीगढ़:हिन्दी के प्रख्यात कवि तथा फिल्म गीतकार पद्मभूषण श्री गोपाल दास नीरज के निधन पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके निधन को हिन्दुस्तानी साहित्य तथा भारत की गंगा जमुनी सांस्कृतिक धरोहर के लिये एक बड़ी क्षति करार दिया है। उन्होंने कहा कि महाकवि नीरज ने निधन उपरान्त अपने पार्थिव शरीर को शोध एवं अध्यन के लिये अमुवि के जेएन मेडीकल काॅलेज को दान करके मानव सेवा की प्राकाष्टा को प्राप्त होने का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। प्रोफेसर मंसूर ने कहा कि नीरज के निधन से रिक्त होने वाली जगह शायद ही कभी भरी जाए।
इसके अतिरिक्त अमुवि के विभिन्न भाषाओं के साहित्यकारों एवं कवियों ने नीरज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे साहित्य का कभी न भरा जाने वाला नुकसान करार दिया है। उनके निधन से विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं छात्रों में शोक की लहर दौड़ गयी।
ज्ञात हो कि महाकवि नीरज ने 2016 में मरणोपरान्त अपना पार्थिव शरीर अमुवि के जेएन मेडीकल काॅलेज को दान देने की घोषणा की थी जिसका सम्मान करते हुए उनकी पुत्री कुंदनिका शर्मा ने कहा है कि उनके शरीर को जेएनएमसी को सौंप दिया जायेगा।
इससे पूर्व हिन्दी के प्रख्यात आलोचक प्रोफेसर केपी सिंह ने भी अपना पार्थिव शरीर जेएन मेडीकल काॅलेज को दान दिया था।

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