अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों द्वारा किये
गये प्रयास को मंजिल और एएमयू संस्थापक सर सैयद को अपनी उस हवेली का पता चल
गया है जो दिल्ली के दरियागंज इलाके में अवैध निमार्णो में कहीं गुम हो
गयी थी।
एएमयू संस्थापक सर सैयद का जन्म 17 अक्टूबर 1817 को दिल्ली के दरियागंज इलाके में हुआ था। जिस हवेली में सर सैयद का जन्म हुआ उस हवेली की तलाश की मुहिम को एएमयू के पूर्व छात्रों ने पिछले साल शुरू की। इस सिलसिले में एएमयू पूर्व छात्र पी.मुहम्मद व उनके साथी दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से मिले और उनसे सर सैयद की हवेली को तलाशने के साथ-साथ राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर रखरखाव करने की मांग की। इस पर दिल्ली सरकार ने पुरातत्व विभाग को हवेली की तलाश करने की जिम्मेदारी सोंपी।दिल्ली के दरियागंज इलाके में अवैध निर्माण के कारण हवेली का कहीं भी पता नहीं चला। पुरातत्व विभाग ने पूर्व एएमयू छात्रों से हवेली तलाश करने की मदद मांगी। इन पूर्व एएमयू छात्रों ने लगातार प्रयास जारी रखे और उनके प्रयास को मंजिल मिली। आखिरकार एएमयू संस्थापक सर सैयद की हवेली को पुरातत्व विभाग द्वारा खोज ही लिया गया। इस मामले पर सिटी आजकल ने एएमयू पूर्व छात्र पी.मुहम्मद से बात की तो उन्होंने बताया कि सर सैयद की जन्मस्थली हवेली का पता चलना और उसे संरक्षण मिलना आवश्यक है। पुरातत्व विभाग ने पूरा सहयोग किया है और उक्त हवेली को तलाश लिया है। दिल्ली पुरातत्व विभाग के प्रभारी राजेश सचदेवा ने बताया कि अभी दिल्ली में विधानसभा चुनाव हैं इसके बाद हवेली के लिए प्रक्रिया सुचारू रूप से चलेगी। वैसे सर सैयद की हवेली का पता चल चुका है। अगर सभी मापदण्ड पूरे हुऐ तो इसको पुरातात्विक संरक्षण प्रदान किया जा सकता है।
एएमयू संस्थापक सर सैयद का जन्म 17 अक्टूबर 1817 को दिल्ली के दरियागंज इलाके में हुआ था। जिस हवेली में सर सैयद का जन्म हुआ उस हवेली की तलाश की मुहिम को एएमयू के पूर्व छात्रों ने पिछले साल शुरू की। इस सिलसिले में एएमयू पूर्व छात्र पी.मुहम्मद व उनके साथी दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से मिले और उनसे सर सैयद की हवेली को तलाशने के साथ-साथ राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर रखरखाव करने की मांग की। इस पर दिल्ली सरकार ने पुरातत्व विभाग को हवेली की तलाश करने की जिम्मेदारी सोंपी।दिल्ली के दरियागंज इलाके में अवैध निर्माण के कारण हवेली का कहीं भी पता नहीं चला। पुरातत्व विभाग ने पूर्व एएमयू छात्रों से हवेली तलाश करने की मदद मांगी। इन पूर्व एएमयू छात्रों ने लगातार प्रयास जारी रखे और उनके प्रयास को मंजिल मिली। आखिरकार एएमयू संस्थापक सर सैयद की हवेली को पुरातत्व विभाग द्वारा खोज ही लिया गया। इस मामले पर सिटी आजकल ने एएमयू पूर्व छात्र पी.मुहम्मद से बात की तो उन्होंने बताया कि सर सैयद की जन्मस्थली हवेली का पता चलना और उसे संरक्षण मिलना आवश्यक है। पुरातत्व विभाग ने पूरा सहयोग किया है और उक्त हवेली को तलाश लिया है। दिल्ली पुरातत्व विभाग के प्रभारी राजेश सचदेवा ने बताया कि अभी दिल्ली में विधानसभा चुनाव हैं इसके बाद हवेली के लिए प्रक्रिया सुचारू रूप से चलेगी। वैसे सर सैयद की हवेली का पता चल चुका है। अगर सभी मापदण्ड पूरे हुऐ तो इसको पुरातात्विक संरक्षण प्रदान किया जा सकता है।
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