Tuesday 30 August 2016

साहित्य... डाॅ. पंकज पराशर की ‘‘रचना का सामाजिक पाठ’’, ‘‘कविता के प्रश्न और प्रतिमान’’, ‘‘विवेचना के रंग’’ , ‘‘गुवाचे अर्थ’’,‘‘मैंनेजर पाण्डेय संचयिता’’ पुस्तकों का हुआ लोकार्पण

अलीगढ़:अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिीनेंट जनरल ज़मीरउद्दीन शाह ने आज अपने कार्यालय में हिन्दी के युवा आलोचक-कवि और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के शिक्षक डाॅ. पंकज पराशर की पाँच पुस्तकों का एक साथ लोकार्पण किया।

यह सुखद संयोग है कि हिन्दी आलोचना और शोध के क्षेत्र में निरंतर काम करने वाले डाॅ. पराशर की पिछले एक वर्ष में पाँच पुस्तकें प्रकाशित होकर आई हैं, जिनमें आलोचना की उनकी तीन पुस्तकें ‘‘रचना का सामाजिक पाठ’’, ‘‘कविता के प्रश्न और प्रतिमान’’ तथा ‘‘विवेचना के रंग’’ प्रकाशित हुई हैं। चैथ पुस्तक साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित पंजाबी के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार प्रो. निरंजन तस्नीम की औपन्यासिक कृति ‘‘गुवाचे अर्थ’’ है, जिसे उनहोंने मातृभाषा मैथिली में अनूदित किया है। उनके द्वारा अनूदित इस औपन्यासिक कृति को साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली ने ‘‘हेरायल अर्थ’’ शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस अवसर पर लोकर्पित होने वाली उनकी पाँचवी पुस्तक थी- ‘‘मैंनेजर पाण्डेय संचयिता’’, जिसका चयन और संपादन उन्होंने किया है।
कुलपति जनरल शाह ने इस अवसर पर अमुवि की उर्दू अकादमी के प्राध्यापक डाॅ. मुश्ताक अहमद सदफ की सम्पादित उर्दू पुस्तक ‘‘मुनतखिब बंगला कहानियाँ’’ का भी विमोचन किया। यह पुस्तक साहित्य अकादमी, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित हुई है।
डाॅ. पराशर की पाँच पुस्तकों और डाॅ. मुश्ताक सदफ की पुस्तक के लोकार्पण के इस अवसर पर अमुवि के जनसंचार विभाग के प्रोफेसर शाफे किदवई, उर्दू के प्रोफेेसर मौला बख्श, डाॅ. मोईद रशीदी तथा उर्दू अकादमी के निदेशक तथा जनसंपर्क विभाग के मेम्बर इंचार्ज डाॅ. राहत अबरार जैसे सम्मानित शिक्षक साहित्यकार उपस्थित थे और सभी ने डाॅ. पंकज पराशर और डाॅ. मुश्ताक सदफ को उनकी प्रकाशित पुस्तकों के लिए मुबारकबाद दी।

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