Thursday 3 March 2016

अमुवि केन्द्र गैर कानूनी या कानूनी! , पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री व एएमयू में टकराव जारी

  • एएमयू  वीसी ने जारी किया स्पष्टीकरण 
चमन शर्मा
अलीगढ़:अमुवि के स्थापित केन्द्र गैर कानूनी है या कानूनी, इस बात पर अमुवि व केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री में टकराव जारी है । आज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिीनैन्ट जनरल जमीर उद्दीन शाह (सेवानिवृत) ने इस मामले में खेद व्यक्त किया है कि प्रेस और सोशल मीडिया में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के केन्द्रों से सम्बन्धित केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के साथ मीटिंग की खबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को बदनाम करने और एक नये विवाद के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। वह भी ऐसे समय में जब विश्वविद्यालय अपने अल्पसंख्यक स्वरूप को बचाने और देश के अन्य विश्वविालयों में अपने दूसरे स्थान को और बेहतर बनाने के लिये प्रयासरत है।

कुलपति जनरल शाह ने अपने स्पष्टीकरण में कहा है कि कैराला के मुख्य मंत्री श्री ऊमन चंडी ने उन्हें केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी के साथ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के केन्द्रों से सम्बन्धित भैंट वार्ता करने के लिये 8 जनवरी को प्रातः 10 बजे आमंत्रित किया था। कुलपति ने बताया कि वह निर्धारित समय पर केन्द्रीय मंत्री के कार्यालय पहुॅचे जहाॅ उन्हें सूचित किया गया कि केन्द्रीय मंत्री की तबियत ठीक नहीं हैं और अब यह मीटिंग उनके निवास स्थान पर दिन में साढ़े ग्यारह बजे होगी। जब वह मंत्री के निवास स्थान पर पहुॅचे तो मीटिंग शुरू हो चुकी थी। इस लिये उन्होंने मीटिंग में भाग नहीं लिया। कुलपति ने कहा कि वह इस मामले पर अपनी टिप्पणी सुरक्षित रखेंगे।
मीटिंग के बाद कैराला के मुख्य मंत्री ने उनहें बताया कि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री इस बात पर अटल थी कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय केन्द्र गैर कानूनी ढंग से खोले गये हैं और उनहें मंत्रालय द्वारा फन्ड नहीं दिया जायेगा। यद्यपि उनके संज्ञान मे ंयह बात लाई गई कि इन केन्द्रों की स्थापना विश्वविद्यालय के नीतिगत फैसले लेने वाली संस्थाओं जैसे यूनीवर्सिटी कोर्ट और एक्जीक्यूटिव कौन्सिल और केन्द्रीय सरकार ने स्वीकृति प्रदान की है और उन्हें यूनीवर्सिटी के विजीटर राष्ट्रपति और ने भी अपनी स्वीकृति प्रदान की है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी एक्ट 1920 (संशोधित) में इन केन्द्रों की स्थापना का प्रावधान है। इस एक्ट की धारा 12(2) के अन्तर्गत यूनीवर्सिटी स्टेटयूट्स और आॅडीनैन्स के अन्तर्गत विजीटर की अनुमति के बाद शोध और शिक्षा के केन्द्र स्थापित कर सकती है और उसका संचालन कर सकती है। जो इन उद्देश्यों की पूति करे। यूनीवर्सिटी स्वयं भी ऐसे केन्द्र स्थापित कर सकती है या इस सन्दर्भ में किसी अन्य संस्था से सहयोग भी प्राप्त कर सकती है।
जनरल शाह के ब्यान के अनुसार यूनीवर्सिटी के केन्द्रों से सम्बन्धित इस संस्था के एक हतोत्सहित पूर्व छात्र ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को यह बता कर भ्रमित किया है कि यह केन्द्र गैर कानूनी है। कुलपति ने कहा कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री से भैंट कर रहे हैं और उन्हें भरोसा है कि वह विश्वविद्यालय से सम्बन्धित सभी समस्याओं का निवारण करेंगे। अब यह तो आने वाला समय बताऐगा कि क्या कानूनी है और क्या गैर कानूनी।
फोटो साभार -zeenews.india.com


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