Sunday 6 March 2016

मीडिया स्वयं को केन्द्रित कर करता है समाचारों का संकलन: सर देसाई

अलीगढ़:अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कल्चरल एजूकेशन सेंटर में चल रहे साहित्यक महोत्सव 2.0 के दूसरे दिन के कार्यक्रम में प्रख्यात टीवी पत्रकार राजदीप सर देसाई, राजनीतिज्ञ मणिशंकर अय्यर, कवि एवं कहानी लेखक केएन दारूवाला, लेखक मरियम करीम अहलावत, चंद्रहास चैधरी और सत्यार्थ नायक शामिल हुए।

राजदीप सर देसाई ने ‘‘क्या भारतीय मीडिया स्वतंत्र है’’ विषय पर बोलते हुए बताया कि कुछ क्षेत्रों पर मीडिया विशेष रूप से अपने को केन्द्रित कर समाचारों का संकलन करता है। उन्होंने जेएनयू की चर्चा करते हुए कहा कि अगर कोई छात्र किसी से अलग मत रखता है तो उसे राष्ट्र विरोधी नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ मीडिया समाचारों की रिपोटिंग की बजाए अपनी राय बनाकर कहानियाॅ गढ़ देते हैं। राजदीप ने कहा कि उन्होंने अनेक विश्वविद्यालयों का भ्रमण किया है लेकिन एएमयू में जिस प्रकार के सवाल उनसे पूछे गये ऐसे सवालों का सामना उन्होंने कभी नहीं किया।
श्री मणिशंकर अय्यर ने मार्डन डेमोक्रेटिक इंडिया पर बोलते हुए कहा कि भारत की डेमोक्रेसी की विशेषता यही है कि आपसी मतभेद के बाद भी हम एक राष्ट्र हैं। उन्होंने कहा कि भारत में हरेक की अपनी अलग पहचान है और अगर हम अल्पसंख्यकों की व्यक्तिगत पहचान को स्वीकार नहीं करेंगे तो हम भारतीय होने की पहचान को भी स्वीकार नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि एएमयू आरंभ से ही एक धर्म निरपेक्ष संस्था रही है और इसके द्वारा हमेशा सभी समुदायों के छात्रों के लिए खुले रहे हैं।
कहानी लेखक और कवि केएन दारूवाला ने अपनी कवितायें पढ़कर सुनाई। उनकी कवितायें इतिहास पर आधारित थीं। इन कविताओं के माध्यम से उन्होंने वर्तमान स्थिति को समझाने का प्रयास किया।
चंद्रहास चैधरी ने पत्रकारिता लेखन पर एक कार्यशाला आयोजित की। जिसमें उन्होंने पत्रकारिता, लिंग समानता और भारतीय उपन्यासों पर चर्चा की। उनहोंने कहा कि उपन्यास लेखन को हम सामाजिक राजनीतिक परिवर्तन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं जो हमारे दृष्टिकोण का भी निर्धारण करेगी।
मरियम करीम अहलावत ने क्षेत्रीय पुस्तकों के अनुवाद पर चर्चा करते हुए कहा कि हिन्दी, उर्दू तथा अनेक क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध उपन्यासों का लोकतंत्र की रक्षा के लिए अनुवाद आवश्यक है।
लेखक सत्यार्थ नायक ने थ्रिलर नाविल पर चर्चा करते हुए कहा कि थ्रिलर नाविल के द्वारा भी इतिहास का ज्ञान कराया जा सकता है और एक अनूठा उदाहरण भी पेश किया जा सकता है।
यह महोत्सव डिबेटिंग एण्ड लिटरेरी क्लब द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

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