अलीगढ़ःदयार-ए-अदब इण्डिया की एक आपात बैठक को सम्बोधित करते हुए दयार-ए-अदब के सस्थापक सचिव उवैस जमाल शमसी ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, उसके कुलपति तथा किसी भी अन्य जिम्मेदार अधिकारी की छवि को धूमिल करने की आज्ञा नही दी जायेगी।
उन्होने कहा कि फैडकूटा की अध्यक्षा प्रो0 नन्दिता नारायण द्वारा अमूवि के कुलपति ले0ज0 जमीरूद दीन शाह को माफिया डाॅन कहा जाना केवल कुलपित का अपमान नही बलकि समस्त अलीगढ़ बिरादरी का अपमान है जिसके लिये प्रोफेसर नारायण को लिखित रूप से कुलपति महोदय तथा अलीगढ़ बिरादरी से क्षमा मांगनी चाहिये। उन्होने कहा कि प्रो0 नन्दिता नारायण का उक्त वक्तव्य निन्दनीय है तथा अलीगढ़ बिरादरी को प्रो0 नारायण के विरूद्व कानूनी कार्यवाही करनी चाहिये।
बैठक सम्बोधित करते हुए दयार-ए-अदब इण्डिया के सयुंक्त सचिव श्री उमैर जमाल ने कहा कि प्रो0 नन्दिता नारायण को अपना वक्तव्य देते समय अपने अध्यापक के पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिये था। उन्होने कहा कि अमूवि कुलपति सस्था को भारत की नम्बर एक सस्ंथा बनाने के लिये प्रयत्नशील है ऐसे में कुछ असामाजिक तत्व इस प्रकार का वातावरण उत्पन्न कर अमूवि के विकास कार्याे में वाधा डाल रहें है जिसे बर्दाशत नहीं किया जायेगा। उन्होने कहा कि कुलपति जनरल शाह सर सय्यद तथा अमूवि से गहरी श्रद्वा रखते है तथा उन पर किसी प्रकार कर आरोप लगाना अमूवि विकास कार्य में बाधा डालना है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुये दयार-ए-अदब इण्डिया के वरिष्ठ उपाधयक्ष डाॅ0 मुजीब शहजर ने कहा कि अमूटा को कुलपति का विरोध करते समय अमूवि की गरिमा को सर्वोपरि रखना चाहिये था और सबसे अच्छी बात ये होती कि प्रो0 नन्दिता दास के वक्तव्य की सर्वप्रथम अमूटा ने ही निन्दा की होती। उन्होने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाले किसी भी व्यक्ति को माफ नही किया जायेगा। उन्होने कहा अलीगढ़ बिरादरी को फेटकूटा की अध्यक्षता के विरूद्ध उस समय तक आन्दोलन जारी रखना चाहिये जबतक कि वह लिखित रूप में माँफी न माँग ले।
बैठक के अन्त में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर फेटकूटा की अध्यक्षा प्रो0 नन्दीता नारायण के वक्तव्य की कडे शब्दो में निन्दा किये जाने के साथ अमूवि बिरादरी विशेष रूप से अमूटा से अपील की गयी कि वह अमूवि के विकास कार्यो में कुलपति के साथ पूर्ण रूप से सहयोग करें तथा परिसर में शेक्षिक एंव शान्ति का वातावरण बनाने में अपना भरपूर सहयोग प्रदान करें। इस अवसर पर इरशाद अहमद, डाॅ0 कायनात, मौ0 आतिफ मलिक, डाॅ0 राशिदुल इस्लाम, शाहिद सैफी, नेताजी इश्त्याक अहमद, डाॅ0 तमन्ना अंसारी, दौलत राम शर्मा, शाकिर अली खाॅ मौ0 साबिर कुरैशी, बन्ने अब्बासी, गोविन्द जाटव, प्रेमपाल प्रजापति, चै0 लिक्कू कुमार तथा अरविन्द बाल्मीक भी उपस्थित थें।
उन्होने कहा कि फैडकूटा की अध्यक्षा प्रो0 नन्दिता नारायण द्वारा अमूवि के कुलपति ले0ज0 जमीरूद दीन शाह को माफिया डाॅन कहा जाना केवल कुलपित का अपमान नही बलकि समस्त अलीगढ़ बिरादरी का अपमान है जिसके लिये प्रोफेसर नारायण को लिखित रूप से कुलपति महोदय तथा अलीगढ़ बिरादरी से क्षमा मांगनी चाहिये। उन्होने कहा कि प्रो0 नन्दिता नारायण का उक्त वक्तव्य निन्दनीय है तथा अलीगढ़ बिरादरी को प्रो0 नारायण के विरूद्व कानूनी कार्यवाही करनी चाहिये।
बैठक सम्बोधित करते हुए दयार-ए-अदब इण्डिया के सयुंक्त सचिव श्री उमैर जमाल ने कहा कि प्रो0 नन्दिता नारायण को अपना वक्तव्य देते समय अपने अध्यापक के पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिये था। उन्होने कहा कि अमूवि कुलपति सस्था को भारत की नम्बर एक सस्ंथा बनाने के लिये प्रयत्नशील है ऐसे में कुछ असामाजिक तत्व इस प्रकार का वातावरण उत्पन्न कर अमूवि के विकास कार्याे में वाधा डाल रहें है जिसे बर्दाशत नहीं किया जायेगा। उन्होने कहा कि कुलपति जनरल शाह सर सय्यद तथा अमूवि से गहरी श्रद्वा रखते है तथा उन पर किसी प्रकार कर आरोप लगाना अमूवि विकास कार्य में बाधा डालना है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुये दयार-ए-अदब इण्डिया के वरिष्ठ उपाधयक्ष डाॅ0 मुजीब शहजर ने कहा कि अमूटा को कुलपति का विरोध करते समय अमूवि की गरिमा को सर्वोपरि रखना चाहिये था और सबसे अच्छी बात ये होती कि प्रो0 नन्दिता दास के वक्तव्य की सर्वप्रथम अमूटा ने ही निन्दा की होती। उन्होने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाले किसी भी व्यक्ति को माफ नही किया जायेगा। उन्होने कहा अलीगढ़ बिरादरी को फेटकूटा की अध्यक्षता के विरूद्ध उस समय तक आन्दोलन जारी रखना चाहिये जबतक कि वह लिखित रूप में माँफी न माँग ले।
बैठक के अन्त में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर फेटकूटा की अध्यक्षा प्रो0 नन्दीता नारायण के वक्तव्य की कडे शब्दो में निन्दा किये जाने के साथ अमूवि बिरादरी विशेष रूप से अमूटा से अपील की गयी कि वह अमूवि के विकास कार्यो में कुलपति के साथ पूर्ण रूप से सहयोग करें तथा परिसर में शेक्षिक एंव शान्ति का वातावरण बनाने में अपना भरपूर सहयोग प्रदान करें। इस अवसर पर इरशाद अहमद, डाॅ0 कायनात, मौ0 आतिफ मलिक, डाॅ0 राशिदुल इस्लाम, शाहिद सैफी, नेताजी इश्त्याक अहमद, डाॅ0 तमन्ना अंसारी, दौलत राम शर्मा, शाकिर अली खाॅ मौ0 साबिर कुरैशी, बन्ने अब्बासी, गोविन्द जाटव, प्रेमपाल प्रजापति, चै0 लिक्कू कुमार तथा अरविन्द बाल्मीक भी उपस्थित थें।
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