Sunday 3 January 2016

फारसी को विदेशी कह कर अस्वीकार नहीं किया जा सकता:प्रो0 सफ़वी

Prof. Azarmi Dukht Safavi delivering lecture at Patna
अलीगढ़:अखिल भारतीय फारसी शिक्षक संघ का 34वी वार्षिक संगोष्ठी फारसी विभाग पटना विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित की गई। संगोष्ठी के उदघाटन समारोह में अखिल भारतीय फारसी शिक्षक संघ की अध्यक्ष प्रो0 सफ़वी ने अपना अध्यक्षीय भाषण प्रस्तुत किया। प्रो0 सफवी फारसी शिक्षक संघ की विगत 20 वर्षों से अध्यक्ष हैं और वह इस उत्तरदायित्व को भलीभांति पूरा कर रही हैं। उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में भारत में फारसी भाषा का महत्व और मुख्यतः बिहार के विद्धानों, कवियों और दरगाहों की फारसी सेवाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि फारसी भाषा हमारी प्राचीन धरोहर है और इसे विदेशी भाषा कह कर अस्वीकार नहीं किया जा सकता।


इस अवसर पर प्रो0 सफ़वी ने शिक्षक संघ के अन्य सदस्यों एवं फारसी शिक्षकों के साथ बिहार के शिक्षा मंत्री श्री अशोक चौधरी से भेंट कर उन्हें बिहार में फारसी की वस्तु स्थिति से अवगत कराया और उन्हें ज्ञापन दिया। शिक्षा मंत्री से भेंट के दौरान प्रो0 सफ़वी ने कहा कि बिहार के स्कूल और कालिजों में फारसी की शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है तथा फारसी शिक्षकों की नियुक्ति भी नहीं हो रही है जिस से स्थिति ख़राब हुई है। इसी के साथ स्कूलों में उर्दू पढ़ने वाले विद्ययार्थियों को फारसी विषय लेने का अधिकार नहीं दिया गया है जिससे फारसी भाषा पढ़ने वाले विद्ययार्थियों की संख्या न होने के बराबर रह गई है। शिक्षा मंत्री ने उनकी बातों को बड़े ध्यान से सुना और इस विषय में हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया। उन्होंने निदेशक उच्च शिक्षा विभाग को इस सम्बंध में अतिशीघ्र कार्यवाही करने का आदेश दिया।  

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