Wednesday 20 January 2016

साहित्य...Book ‘‘कविता के प्रश्न और प्रतिमान’’ तथा ‘‘विवेचना के रंग’’ का हुआ लोकार्पण

अलीगढ़। दिल्ली के प्रगति मैदान में हाल में संपन्न हुए विश्व पुस्तक मेला में हिन्दी के चर्चित आलोचक, कवि और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग में अध्यापक डाॅ. पंकज पाराशर की दो नई पुस्तकें, ‘‘कविता के प्रश्न और प्रतिमान’’ तथा ‘‘विवेचना के रंग’’ का लोकार्पण हुआ।

सुप्रसिद्ध आलोचक वीरेन्द्र यादव ने कहा कि हिन्दी आलोचना में पराशर को गंभीर, विचारोत्तेजक और प्रामाणिक आलोचना लिखने वाले आलोचक के रूप में जाना जाता है। उनके लिखे हुए आलोचनात्मक निबंधों और लेखों को लोग उत्सुकता से पढ़ते हैं और उनकी स्थापनाओं को लेकर बहस करते हैं। समकालीन कविता ने जिन चीजों को प्रश्नांकित किया है, उसकी पहचान और विश्लेषण का कार्य प्रस्तुत पुस्तक में किया गया है। उनकी दूसरी किताब ‘‘विवेचना के रंग’’ को मूलचंद गौतम, प्रेमपाल शर्मा, ओमा शर्मा, विनोद तिवारी, पल्लव, राजीव कुमार, नित्यानंद गायेन, बुद्धिलाल पाल ने जारी किया। सुप्रसिद्ध आलोचक और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक की वरिष्ठ प्रोफेसर रोहिणी अग्रवाल ने कहा कि ‘‘विवेचना के रंग’’ पुस्तक बहुआयामी शोध कार्य एवं श्रम का परिणाम है। मुख्यतः कथासमीक्षा और कथा सैद्धांतिकी के विश्लेषण पर आधारित यह पुस्तक उन्हें हिन्दी का महत्वपूर्ण आलोचक सिद्ध करती है। पाठक को इसके भीतर उतरने पर आस्वाद और विचार दोनों का भरपूर प्राचुर्य मिलेगा और अपने समय से मुठभेड़ करने की दृष्टि और दिशा भी। विगत वर्ष फरवरी 2015 के विश्व पुस्तक मेले में भी उनकी एक पुस्तक ‘‘रचना का सामाजिक पाठ’’ जारी की गई थी, जो आलोचना जगत में काफी चर्चित रही।

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