Friday 8 April 2016

हर निर्माण का आधार है ज्योटेक्निल इंजीनियरिंगः प्रो मुमताज

अलीगढ़:अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेडएच काॅलेज आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालोजी के ज्योटेक्निकल इंजीनियरिंग सेक्शन द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए सहकुलपति ब्रिगेडियर एस अहमद अली ने कहा कि ज्योटेक्निकल इंजीनियर्स देश में ऊँची इमारतों, पुलों, सड़कों, बांधों, एवं सुरंगों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और इनके निर्माण कार्यों के दौरान अक्सर उन्हें अनेक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है।

इंजीनियरिंग संकाय के डीन प्रोफेसर मुमताज ए खाॅन ने कहा कि हर निर्माण का आधार ज्योटेक्निल इंजीनियरिंग पर आधारित है। इसलिए हमें इसके व्यवहार को गहराई से समझने की आवश्यकता है ताकि निर्माण कार्यों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। इंडियन ज्योटेक्निकल सोसाइटी दिल्ली चैप्टर के चैयरमैन प्रोफेसर जेटी साहू ने कहा कि ज्योटेक्निकल इंजीनियरिंग आरंभ से सिविल इंजीनियरिंग की महत्वूपर्ण ब्रांच रही है और इसने देश के सिविल निर्माण कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मुहम्मद आरिफ ने कहा कि एक ज्योटेक्निकल इंजीनियर की किसी भी इमारत या पुल आदि के निर्माण में उसके आधार को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके अलावा वह कोस्टल व ओशन इंजीनियरिंग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिसके तटवर्ती (आॅन शोर) और अपतटीय (आॅफ शोर) निर्माणों के डिजाइन भी शामिल हैं।
कांफ्रेंस के आयोजन सचिव डाॅ. महबूब अनवर खाॅन ने विषय परिचय कराते हुए कहा कि इस विषय का चयन ज्योटेक्निकल इंजीनियर्स के समक्ष तेजी से आ रही चुनौतियों को दृष्टिगत रखते हुए किया गया है। मिट्टी और

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