Sunday 10 July 2016

विश्वविद्यालय प्रशासन पर वित्तीय अनिमित्ताओं के आरोपों का किया पूरी तरह से खण्डन

अलीगढ़:अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने आडिट रिपोर्ट के सन्दर्भ में कुछ समाचार पत्रों मे प्रकाशित समाचार के बारे में विश्वविद्यालय प्रशासन पर वित्तीय अनिमित्ताओं के आरोपों को पूरी तरह से खण्डन करते हुए स्पष्ट किया है कि
सीएजी ने इस सम्बन्ध में कोई रिपोर्ट तैयार नहीं की है बल्कि उत्तर प्रदेश के कार्यालय प्रधान निदेशक लेखा परीक्षा (केन्द्रीय) लखनऊ शाखा कार्यालय इलाहाबाद ने 2014-2015 के अपने वार्षिक अवलोकन में विश्वविद्यालय प्रशासन का कुछ बिन्दुओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है जो एक सामान्य प्रक्रिया है। विश्वविद्यालय उक्त बिन्दुओं का क्रमवार स्पष्टीकरण देता रहा है।

अमुवि के वित्त अधिकारी प्रोफेसर एसएम जावेद अख्तर ने स्पष्ट किया है कि 1500 छात्राओं के लिये निर्माणधीन हाॅस्टल के सन्दर्भ में 75 करोड़ का आवंटन कोर्डीनेशन कमेटी (03.07.2014) तथा बिल्डिंग कमेटी (23.03.2016) की अनुशंसा पर किया गया है जिसको विश्वविद्यालय की फाइनेंस कमेटी        (02.04.2016) ने अपनी मंजूरी दी है तथा इसमें यूजीसी की किसी निर्देशिका की अवहेलना नहीं की गयी है। इसी प्रकार कैम्पस डवलपमैन्ट के लिये प्रयुक्त होने वाले 10.62 करोड़ के बारे में उन्होंने स्पष्ट किया है कि उक्त राशि का प्रयोग यूजीसी की अनुमति द्वारा 11वीं पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत किया गया था और इस सम्बन्ध में विश्वविद्यालय को यूजीसी की अन्डर सेकरेट्री श्रीमती सुषमा राठौर का पत्र भी प्राप्त हुआ था जिससे विश्वविद्यालय ने आॅडिट के मुख्य निदेशक के कार्यालय को पूर्व में ही अवगत करा दिया था।

प्रोफेसर अख्तर ने बताया कि 1500 छात्राओं के लिए एचएससीएल को पीएमसी नियुक्त किया गया। एचएससीएल का चयन ओपन टेंडर द्वारा स्वतंत्र रूप से किया गया है जिसमें कई कम्पनियों ने टेंडर भरा था परन्तु सबसे कम कीमत पर (84.32 लाख) में एचएससीएल ने पूर्ण करने का टेंडर भरा था। यह निर्माण कार्य भी यूजीसी के 12वीं पंचवर्षीय योजना द्वारा स्पष्ट किये गये निर्माण सम्बन्धी सिद्वान्तों के अनुरूप आवंटित किया गया है। यूजीसी ने पंचवर्षीय योजना से सम्बन्घित निर्देशिका में भवन निर्माण से सम्बन्धित पेरा 7.1;ंद्ध में स्पष्ट किया है कि भवन निर्माण से सम्बन्धित आर्केटेक्चरल डिजाइन से लेकर निर्माण कार्य तक सभी प्रक्रियाऐं केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्लूडी), राज्यीय लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) अथवा किसी अन्य सरकारी एजेन्सी अथवा पब्लिक सेक्टर अन्डटेकिंग द्वारा कराया जायेगा।

मुजफ्फर नगर के जोला गांव में स्थापित स्कूल के निर्माण के लिये आवंटित 51.79 लाख रूपये के सम्बन्ध में प्रोफेसर अख्तर ने कहा कि यह राशि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा अपने सर सैय्यद दिवस डिनर को त्याग कर एकत्रित की गये दान के रूप में दी गयी थी तथा उक्त स्कूल के निर्माण में इस राशि के प्रयोग की मंजूरी विश्वविद्यालय की एक्जीक्यूटिव कौन्सिल ने 4.10.2014 को होने वाली अपनी मीटिंग में सर्व सम्मति से विश्वविद्यालय प्रशासन को दी थी।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि दूरस्थ शिक्षा के अन्तर्गत पीएचडी डिग्री प्रदान नहीं करती बल्कि उद्योग और शिक्षा जगत के बीच के पुल को पाटने तथा शोध को बढ़ावा देने के लिये यह अनूठा कार्यक्रम 1997 में आॅल इन्डिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के सहयोग से यूजीसी पीएचडी रेगूलेशन के अन्तर्गत प्रारंभ किया गया। जो एक उच्च कोटि का प्रोग्राम है।

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