Wednesday 6 July 2016

जो मुझे स्वार्थी-आरएसएस का एजेंट बता रहे हैं,उनको अमुवि आने का निमंत्रण देता हॅू:कुलपति

अलीगढ़:अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिीनैन्ट जनरल जमीर उद्दीन शाह ने आरएसएस के इफतार में भाग लेने पर उनपर होने वाली आलोचनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मैंने काफी सोच विचार के बाद आरएसएस द्वारा आयोजित इफतार में भाग लेने का जानबूझ कर निर्णय लिया था और आशा के अनुरूप इसके लिये मुझ पर आलोचनाओं का सिलसिला जारी है। हमें वास्तविकता का सामना करना चाहिए और उन लोगों के बारे में हमें जानकारी होनी चाहिए जो विश्वविद्यालय के पक्ष में मामलात पर प्रभावित हो सकते हैं। हमें अपनी स्वाभिमान का सौदा किये बिना उनसे वार्तालाप का दरवाजा खुला रखना चाहिये। कुलपति ने कहा कि क्या इस वास्तविकता को नकारा जा सकता है कि मुसलमानों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को स्वीकार कर लिया है? उन्होंने कहा कि हम इस वास्तविकता की अनदेखी नहीं कर सकते के अन्तर्राष्ट्रीय मामलात में भारत के प्रभाव में वृद्वि हुई है। यदि मुसलमान वर्तमान सरकार की अनदेखी करेंगे तो यह उनके लिये अत्यन्त हानिकारक होगा। जनरल शाह ने कहा कि हमें सर सैय्यद के विकासोन्मुख रवैय्ये से प्रेणा हासिल करनी चाहिये। सर सैय्यद ने समय की नब्ज़ को पहचान कर भारत के मुसलमानों के विकास के लिये कार्य किया था जिसके लिये ब्रिटिश सरकार से मेलमिलाप के आधार पर उनको बदतरीन आलोचना का सामना करना पड़ा था लेकिन यह उन ही के प्रयासों का नतीजा है कि मुसलमानों ने स्वयं पर लादी हुई महरूमियत और मुख्य धारा से दूरी से बड़ी हद तक निजात प्राप्त करने में सफलता पाई तथा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। कुलपति लेफ्टिीनैन्ट जनरल जमीर उद्दीन शाह ने कहा कि यह आवश्यक है कि हम दूसरों तक यह सन्देश पहुॅचायें कि अमुवि धर्मनिर्पेक्षता, साम्प्रदायिक सौहार्द, समग्रता, सयंम, उदारता, रवादारी और इस्लामी शिक्षा से ओतप्रोत आधुनिकता से पहचाना जाता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति आपकी तरफ मित्रता का हाथ बढ़ाये तो आप क्या करेंगे? क्या उस हाथ को झटक देंगे? उन्होंने कहा कि हर संगठन में मिले जुले विभिन्न रंग पाये जाते हैं। हमें सभी समुदायों के समझदार लोगो ंसे वार्तालाप का दरवाजा खुला रखना चाहिये और में यही कर रहा हूॅ। कुलपति ने कहा कि मुझे अपने निर्णय पर कोई खेद नहीं है और में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की अनूठी पहचान की सुरक्षा के लिये अपने स्तर पर बेहतर प्रयास करता रहूॅंगा और अल्लाह ने चाहा तो उसमें सफलता प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि यदि फिर भी अल्लाह को स्वीकार न हो तो कम से कम हमें यह सन्तुष्टि तो रहेगी कि हमने अपने स्तर पर तमाम संभव प्रयास जारी रखे। लेफ्टिीनैन्ट जनरल जमीर  उद्दीन शाह ने कहा कि जो लोग मुझे स्वार्थी तथा आरएसएस का एजेंट बता रहे हैं मैं उनको अमुवि आने का निमंत्रण देता हॅू कि वह यहाॅ पधारें और विश्वविद्यालय की भलाई के लिये लाभदायक प्रयासों पर वार्तालाप करें। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि अपनी सफों में एकजुटता तथा एक व्यवहारिक रवैया इख्तियार करना चाहिये।

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