Wednesday 4 May 2016

शिक्षाविद, लेखक एवं महान विचारक थे प्रो अन्सारी

अलीगढ़:मीडिया सेण्टर में उर्दू के प्रख्यात शिक्षाविद, लेखक, टिप्पणीकार और अमुवि के अग्रेजी विभाग के सेवानिवृत प्रोफेसर असलूब अहमद अन्सारी के आकस्मिक देहान्त पर एक शोक सभा का अयोजन कर उन्हें भावभीनी श्ऱद्धांजली अर्पित की ।
प्रोफेसर असलूब अहमद अन्सारी न केवल अग्रेंजी के वरिष्ठ शिक्षक एवं लेखक थे बल्कि व उर्दू के भी एक महान लेखक तथा टिप्पीकार थे। डाॅ॰ जसीम मोहम्मद ने कहा कि प्रोफेसर अन्सारी ने एक प्राध्यापक के रूप मे भी नए कीर्तिमान स्थापित किए थे तथा शिक्षण क्षेत्र मे उनके उल्लेखनीय योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। प्रोफेसर असलूब अहमद अन्सारी उस अलीगढ़ की पहचान थे जिसमें पठन-पाठन एवं लेखन अपने चरम पर था। उनकी उर्दू और अग्रेंजी में 33 पुस्तकें बड़ी संख्या मे शोध आलेख तथा लेख प्रकाशित हुई। प्रोफेसर अन्सारी को बौद्धिक एवं शैक्षिक जगत मे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त थी और गौरखपुर विश्वविद्यालय ने उन्हें मानद पी॰एच॰डी॰ से सम्मानित किया था।
प्रोफेसर हुमायू मुराद ने कहा कि प्रोफेसर असलूब अहमद अन्सारी ने अग्रेंजी के शिक्षक होने के बावजूद जिस प्रकार उर्दू की सेवा की वह एक इतिहास है। अन्सारी एक लम्बे समय तक दिल्ली उर्दू अकादमी की प्राशसनिक संस्था के सदस्य रहे और उन्होंने उर्दू को नई दिशा प्रदान की। प्रोफेसर रज़ाउल्लाह खान ने कहा कि प्रोफेसर असलूब अहमद अन्सारी का जन्म 1925 में सहारनपुर मे हुआ था और उन्होंने अमुवि मे शिक्षा प्राप्त की और अमुवि अग्रेंजी विभाग मे उन्होंने उल्लेखनीय सेवा प्रदान की। वे 1988 में अमुवि से सेवानिवृत हुए। इस अवसर पर डाॅ॰ मोहम्मद शाहिद, डाॅ॰ मोहम्मद फारूक, फुरकान सम्भली, डाॅ॰ जी॰एफ॰ साबरी, डाॅ॰ फातिमा जेहरा भी उपस्थित थे


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